झारखण्ड रे साहित्य ओन्डोः शिक्षा क्षेत्र रे चार दशक अयते योगदान लगिड 5 अप्रैल 2023 मुसिंङ राष्ट्रपति भवन रे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु तिकिनः तड़ाय तिह ते डाॅ. जानुम सिंह सोय पद्मश्री सम्मान किन तेला केडा। नेन पद्मश्री सम्मान ते सम्मानित केन लगिड भारत सरकारःअ् प्रति आभार व्यक्त लगिड पुरा कोल्हान रे ओन्डोः एकीकृत सिंहभूम रे टयड टयड रे एसु रांसा रांसाते पद्मश्री डाॅ. जानुम सिंह सोय को एलादारोमिह तना।
जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा (हो) विभाग, कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा विशेषज्ञ समिति रेन सदस्य डाॅ. जानूम सिंह सोय सिरमा 1977 रे घाटशिला काॅलेज रे हिन्दी विभाग रे व्याख्याता रुपते आकिनः करियर किन एयोब केडा। चनब दो वि़श्वविद्यालय सेवा आयोग, पटना अयते पदोन्नति नमकेडते 1987 रे रीडर यनाकिन। घाटशिला काॅलेज रेगे केन्द्राधीक्षक, प्रभारी प्राचार्य ओन्डोः कोषाध्यक्ष रुपते प्रशासनिक अनुभव किन नमतडा। आकिन झारखण्ड अधिविद्य परिषद रांची रे सदस्य किन ताईकेना। ‘हो लोकगीत का साहित्यिक और सांस्कृतिक अध्ययन’ आकिनःअ् पी.एच.डी. शोध विषय ताईकेना। आदि संस्कृति एवं विज्ञान शोध संस्थान (एटेःए तुरतुङ पिटिका अकाड़ा) झींकपानी रेयः शाखा बेनाशोल पूर्वी सिंहभूम रे अध्यक्ष किन ताईकेना।
आपुते जारोय ओन्डोः बाटिगुटु बुड़ीउली को गेह होन पश्चिमी सिंहभूम जिला सदर चाईबासा अंतर्गत मौजा गितिल लोंगोर रे 8 अगस्त 1950 रे जोनोम लेन डाॅ. जानुम सिंह सोय तिकिन 232 पेज रेयः एसु महत्वपूर्ण उपन्यास हो कुड़ी किन ओलतडा, ओकोना चि झारखण्ड राज्य सिविल सेवा आयोग, रांची, झारखण्ड अधिविध परिषद, रांची, कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा ओन्डोः रांची विश्वविद्यालय, रांची रेयः सिलेबस कोरे पड़ाव होबन तना। हो दिषुम हो होनकोरे हो पड़ाव रांसा नितिर पिन्तिर होबनचा मेनते हो भाषा साहित्य ओन्डोः हो भाषा शिक्षा क्षेत्र रे विकास लगिड सामाजिक योगदान रे आदिवासी हो द्वितीय राजभाषा जिला कार्य समिति जिला पूर्वी सिंहभूम रे सदस्य मेनःअ् किना ओन्डोः कुरुमुटुवा कनाकिन। आकिनः कुरुमुटु रांसा नेलकेहतेगे पद्मश्री डाॅ. जानुम सिंह सोय तिकिनःअ् नुतुम हो लैग्वेज एजुकेशन काऊन्सिल (आटोनोमस काऊन्सिल) रे सदस्य रुपते योगदान लगिड घोषणा होबाकना। आसरा होबन तना चि आल इंडिया लेवल रे वाराङक्षिति लिपि ओन्डोः हो भाषा माध्यम ते ओल-पड़ाव रेयः प्रचार प्रसार, विकास ओन्डोः विस्तार होबाना।